किया देवभूमि के लिये राक्षस बन रहे बाहरी लोग ?

देव भूमि उत्तराखंड अपने धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता के लिए दुनिया भर में जाना जाता है यहां की बोली भाषा संस्कृति रीति रिवाज अन्य राज्यों से भिन्न है इन विभिनताओं के कारण उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग राज्य बनाने की मांग उठी और उत्तराखंड एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया,

 किंतु देवभूमि में जहां चारों ओर देवी देवताओं का वास है वहीं बाहरी लोगों ने यहां पर जमीन प्रॉपर्टी खरीद कर अतिक्रमण किया है वर्तमान में उत्तराखंड का कोई शहर ऐसा नहीं है जहां पर बाहरी लोगों की संख्या कई गुना ना बढ़ गई हो
 और यही बाहरी लोग उत्तराखंड के नागरिकों को अपना शिकार बना रहे हैं जिसका जीता-जागता उदाहरण अंकिता भंडारी हत्याकांड है,
 उत्तराखंड में लड़कियों के गायब होने,हत्या लूट,स्मैक आदि घटनाएं बहुत बढ़ चुकी हैं
 यहां अधिकतर अपराध में संलिप्त लोग उत्तर प्रदेश के बिजनौर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ से होते हैं क्योंकि योगी आदित्यनाथ की सरकार से पहले उत्तर प्रदेश की छवि कुछ अच्छी नहीं रही है,
 जहां यह माना जाता है कि उत्तर प्रदेश के हर तीसरे चौथे आदमी पर एक आपराधिक मामला दर्ज होता है,

वहीं बाहरी लोग उत्तराखंड में छोटे-मोटे व्यवसाय जैसे नाई, गाड़ी मैकेनिक, बर्तन बेचना,चिकन शॉप आदि व्यवसाय करने के बहाने आते है ,
 यदि जो ज्यादा संपन्न है वह होटल, रिजॉर्ट,राफ्टिंग, ट्रैवल, आदि व्यवसाय से जुड़ जाते हैं,
और भोले- भाले पहाड़ी लोगों के लिए हैवान -राक्षस बन रहे हैं,
उत्तराखंड के लोग ही इन्हें जमीन बेचने वाले हैं और वही लोग इनके अपराधों का शिकार हो रहे हैं,
एक भू - कानून इन बाहरी लोगों से बचने के लिए हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड को मिलना चाहिए था किंतु वह भी यह सरकार ना दे सकी,
 
 खामियां सरकार में है या सरकार बनाने वालों में है अंकिता हत्याकांड यह सोचने पर मजबूर जरूर करता हैl

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