किया मनोविज्ञान है प्रधानमंत्री मोदी का 9 बजे 9मिनट का

दोस्तों ,पूरी  दुनिया में मानवजाती के जीवन पर एक खतरनाक बीमारी Covid-19 वाइरस के रूप में मंडरा रही है.
दुनिया के लगभग सभी देश इस बीमारी की  चपेट में है.
सभी देशों कि सरकारें इस बीमारी से अपने देश के नागरिकों की जान बचाने की हर मुमकिन कोशिस कर रही है.
इसी बीच इटली जैसे विकसित देश में हालात बद से बतर हो चुके है,जहाँ इटली के 15 हजार से अधिक नागरिक इस बीमारी में अपनी जान गवा चुके है,
वही उसके 1 लाख 25 हजार से ज्यादा नागरिक अस्पताल में ज़िन्दगी और मौत से लड़ रहे है.
इटली सरकार का कहना है कि आने वालों दिनों में मौत का आकड़ा और बढ़ेगा,
इसी डर से अमेरिका ने कोरोना से लड़ने के लिये 2 खरब रूपए के बजट कि घोषणा कि है
यह बजट अमेरिकी इतिहास में पहली बार सबसे बड़ा बजट होगा.
किन्तु भारत में कोरोना से मौत और पीड़ित का आकड़ा अन्य देशों की तरह भयावह नहीं है,
किन्तु 21 दिनों के lockdown के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था के गले में जो फन्दा डला  है, वह प्रतिदिन भारतीय नागरिकों का गला घोंट रहा है,
जिससे प्रतिदिन भारतीय अर्थव्यवस्था को करोड़ो का नुकसान हो रहा है.
जिससे भारतीय नागरिकों का रोजगार और भोजन प्रणाली प्रवाहित हुई है.
भारतीय सरकार ने गरीब नागरिक को आर्थिक मदद और भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी ली हैं.
और सभी राज्य सरकारों को एक दूसरे का सहयोग और  साथ मिलकर काम करने को कहा हैं. मुश्किल भरे इस दौर में भारत में हर तबका निराशा से जूझते हुवे सरकार की ओर आशाओ से देख रहा हैं.
इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को सम्बोधित करते हुवे जनता से यह अपील की हैं के 9 अप्रैल रात 9 बजे  9 मिनट तक घरों की लाइट बंद करके अपने घरों में एक दिया,मोमबत्ती, टोर्च जलाये.
कई राजनैतिक दलों ने मोदी की इस पहल का विरोध करना शुरू कर दिया हैं.
किंतु इस पर मनोवैज्ञानिको की राय हैं की, ऐसा करने से देश में कोरोना के खिलाफ एकजुटता और संघर्ष की लड़ाई और मजबूत होंगी. हर घर में जलता हुआ प्रकाश एकजुटता और संघर्ष का प्रतिक बनेगा ,जिससे हर व्यक्ति की बनोबल सकती दृढ़ होंगी, जिसके चलते सभी lockdown के नियमो का गंभीरता से पालन करेंगे.
और इस गंभीर बीमारी पर अंधकार में प्रकाश की तरह जीत हासिल करेंगे !

घर में रहे सुरक्षित रहे.
Have A Inspiring Day.........!


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